सपनों में पंख लगाए उड़ने लगीं ख्वाहिशें
बढ़ने लगीं हैं अब तो इस दिल की फ़रमाइशें..
तेरे पीछे पीछे भागे मेरा मन लगता नहीं है कहीं
तेरे सिवा मेरी आँखों को अब दिखता नहीं है कोई..
सपनों में पंख लगाए उड़ने लगीं ख्वाहिशें
बढ़ने लगीं हैं अब तो इस दिल की फ़रमाइशें..
तेरे पीछे पीछे भागे मेरा मन लगता नहीं है कहीं
तेरे सिवा मेरी आँखों को अब दिखता नहीं है कोई..